बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी अपनी जीत के लिए पूरी तैयारी के साथ अपने प्रत्याशीयो की घोषणा के अंतिम चरण है। भाजपा इस चुनाव में अपने संगठन के नेताओं के साथ निजी एजेंसियों का भी सहयोग ले रही है। आगामी चुनाव में सफलता हासिल करने के लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व में मंथन चल रहा है। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता को हटाकर भारतीय जनता पार्टी को 75 से ज्यादा सीटो पर जीत के लिए अपनी ओर से पूरी तैयारी ली है। ऐसा प्रतीत होता है भाजपा छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाने को लेकर पूरे तरीके से तैयार है 90 विधानसभा की सीटों पर भाजपा सोच समझकर अपने प्रत्याशी लाएगी है अब तक 90 विधानसभाओं में से 21 विधानसभा की टिकट का वितरण भाजपा ने अपनी ओर से जारी कर दिया है बची 69 सीटों को लेकर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मंथन जारी है।
संभागीय बैठकों का दौर भी पार्टी जारी रखते हुए अपने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने में लगी हुई है वही इन बैठकों के माध्यम से भी कहीं न कहीं बड़े नेता प्रत्याशियों का चयन भी करने में प्रयासरत है।
आगामी विधानसभा को लेकर बस्तर सरगुजा के साथ ही बिलासपुर संभाग को लेकर पार्टी कहीं ना कहीं चिंतित नजर आ रही है भाजपा बिलासपुर संभाग में अपने साथ निजी सर्वे एजेंसी की रिपोर्ट को भी देख रही है अगर बात करें बिल्हा विधानसभा क्षेत्र की तो पार्टी यहां नए चेहरे के ऊपर दांव लगा सकती है।इस बार पार्टी धरम लाल कौशिक की जगह किसी ओबीसी महिला नेत्री या शिक्षाविद डॉ अरुण शिवम पटनायक को टिकट दे सकती है।
वही बिलासपुर विधानसभा से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास सर्वे एजेंसी के माध्यम से समाजसेवी व भाजपा के पुराने नेता सुरेंद्र गुम्बर,युवा भाजपा नेता व मीडिया समूह के संपादक अनिल मिश्रा व शिक्षा जगत से बृजेन्द्र शुक्ला को बिलासपुर विधानसभा चुनाव में उतार सकती है।इन तीनो नामो की अगर बात किया जाए तो युवाओं में काफी प्रचलित नाम व ब्राह्मण समाज मे अच्छी पकड़ रखने वालों मे भाजपा अनिल मिश्रा को आगामी विधानसभा में उतार कर नया खेल भी खेल सकती है।कांग्रेस के वर्तमान विधायक ब्राह्मण वर्ग से आते है।
कांग्रेस को पटखनी देने के लिए भाजपा कई क्षेत्रों में बड़ा खेल करने की योजना में है।वही कोटा विधानसभा से साहू समाज को फिर से उतार सकती है।तखतपुर विधानसभा से पार्टी भूपेंद्र सवन्नी को इस बार मौका दे सकती है।वही बेलतरा से रजनीश सिंह फिर मैदान में उतर सकते है।कुल मिलाकर भाजपा सत्ता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत में लगी हुई है।