अख्तर जावेद उस्मानी, हिंद मजदूर सभा की ओर से पुन: निदेशक कार्मिक महोदय, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड को पत्र लिखा गया। लिखे गए पत्र का सार यह है कि :-
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में जिस तरह के डिजिटलाइजेशन का कार्य बढ़ रहा है और एस.ए.पी. (SAP) सिस्टम के लागू करने के साथ कोयले की चोरी रोकने और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए प्रयुक्त हो रहे उपकरणों के संचालन हेतु आवश्यक श्रम शक्ति जूनियर डाटा एंट्री ऑपरेटर (प्रशिक्षु) की पदस्थापना हेतु अधिसूचना क्रमांक 342 दिनांक 06.10.2020 के परिपेक्ष में दो चरणों में आयोजित टेस्ट लगभग 1.5 वर्षों के अंतराल में दिनांक 13.03.2022 को हो सकी। कैडर स्कीम के अनुसार चयन सूची प्रतिक्षित है।
- 88 पदों पर चयन प्रक्रिया में भ्रम और अनिर्णय की यह स्थिति रही है कि इससे कंपनी को यात्रा भत्ता में लगभग 60 लाख रुपए और वेतन के रूप में न्यूनतम 1500 प्रतिदिन की दर से 2600 श्रमदिवस/श्रमिकों को लगभग 39,00,000/- का भुगतान किया गया है। इस भुगतान के अतिरिक्त साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के वार्षिक प्रतिवेदन 2020-2021 को देखें तो आउटपुट पर मैन शिफ्ट अंडरग्राउंड 1.59 टन और ओपनकास्ट 32.60 टन एवं प्रति श्रमिक औसत उत्पादन 12.66 टन दर्शाया गया है लगभग 2600 श्रमदिवस की अनुपलब्धता से लगभग 31,000 टन उत्पादन का भी नुकसान हुआ।
- माननीय गृह मंत्रालय ने हिंदी टाइपिंग हेतु 300 शब्दों हेतु 1500 बार की प्रेस/डिप्रेशन की माना है एवं माननीय उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश ने भी इसकी पुष्टि की है, इसी प्रकार का कीज डिप्रेशन इंग्लिश टाइपिंग के लिए भी है। तय मापदंड के अनुसार शब्द के बाद स्पेस में 01 की डिप्रेशन और कैपिटल लेटर हेतु 02 की डिप्रेशन माना जाना चाहिए।
- टाइप करने के लिए दिए गए पैसेज या शब्द संख्या या कीज़ डिप्रेशन गणना फार्मूला परीक्षार्थियों को नहीं दिया गया न ही वेबसाइट में जारी किया गया है। आज तक कोई चयन सूची प्रकाशित नहीं हो सकी है।
- यह परीक्षा नोट पैड सॉफ्टवेयर में ली गई थी इसमें उपरोक्तानुसार की डिप्रेशन में मापदंड से 300 शब्दों में यदि अधिकतम 30 पूर्ण वाक्य है तो 30 फुलस्टाप/पूर्ण विराम और 300 शब्दों में 299 स्पेस तथा कम से कम 30 ही प्रति वाक्य की दर से कैपिटल लेटर हो तो कुल 1141 कीज़ के डिप्रेशन पर 5 अक्षर प्रतिशब्द पर 228.20 शब्द पर गणना होनी चाहिए।
- माननीय निदेशक कार्मिक महोदय,कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा जारी क्रियान्वयन आदेश क्रमांक 22/2001 दिनांक 29 मई 2001 जो कि क्रियान्वयन आदेश क्रमांक 48 दिनांक 22.07.1985, एनसीडब्ल्यू III के परिपेक्ष में जारी संशोधित कैडर स्कीम में केवल एप्टीट्यूड टेस्ट फॉर कंप्यूटर एप्लीकेशन का उल्लेख है ।
- परंतु कंप्यूटर एप्लीकेशन एप्टिट्यूड टेस्ट में भी सामान्य ज्ञान, मानसिक दक्षता तर्कशक्ति परीक्षण आदि को दिनांक 28.01.2021 को जारी सिलेबस में समावेशित कर दिया गया था और परीक्षा ली गई। जिसमें 60 में से 17 प्रश्न/उत्तर गलत होने पर परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा ली गई। मात्र 10वीं और 12वीं की योग्यता के श्रमिकों को ध्यान में रखें बिना प्रश्न पत्र तैयार किया गया था।
- चयन हेतु जारी नोटिफिकेशन में स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स का कोई उल्लेख नहीं है। स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स एवं उसमे वर्णित एक्यूरेसी टेस्ट जेबीसीसीआई के क्रियान्वयन आदेश की भावना के विपरीत है।
- परीक्षा परिणामों के अनुसार सभी परीक्षार्थियों ने 300 शब्दों को टाइप किया है और परीक्षा परिणाम उनके द्वारा टाइप किए गए शब्दों की शुद्धता के अनुसार आये। एक्यूरेसी को नापने का सॉफ्टवेयर क्या था और उसके काम करने के मापदंड को तय करने की जानकारी किसी को भी नहीं दी गई थी। जिससे ट्रांसपेरेंसी/पारदर्शिता बरतने के घोषित उद्देश्य की परिपूर्ति ही नहीं हुई है।
- संभवत शुद्धता नापने के मानक को मैरिट तय करने के लिए प्रयुक्त किया गया है परंतु कैडर स्कीम में तो ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है। मैरिट लिस्ट जारी करने के लिए हिंद मजदूर सभा ने पूर्व में भी पत्र लिखा है।
- 10 मिनट (600 सेकंड) में 300 शब्दों का टेस्ट यदि क्वालीफाइंग टेस्ट था तो इसे पहले करना चाहिए था। यदि यह क्वालीफाइंग टेस्ट नहीं था तो प्रोफिशिएंसी टेस्ट में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग को कितने अंक प्राप्त करने होंगे या क्या छूट दी जाएगी या नोटिफिकेशन में स्पष्ट है।
- जूनियर डाटा एंट्री ऑपरेटर (प्रशिक्षु) के कुल 88 पदों पर 06.10.2020 चयन अधिसूचना जारी की गई थी। 97 पद और रिक्त हैं जिस पर पुनः अधिसूचना/चयन की योजना है। बार-बार चयन करने की प्रक्रिया से लाभान्वित हो रहे मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा एनसीडब्ल्यूए स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी के माध्यम से निर्गत क्रियान्वयन आदेशों और कैडर स्कीम में वर्णित जोन ऑफ प्रमोशन को उल्लंघित कर एक सेंट्रलाइज कैडर की परिकल्पना और स्थापना स्वयं कर ली है इस प्रकार की अवधारणाओं को निदेशक मंडल की स्वीकृति लेने में भी वे सफल रहे हैं।
- बार-बार परीक्षा लेने पर परीक्षा स्थलों को किराए के रूप में लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है परीक्षाओं में नियुक्त अधिकारियों के श्रम दिवस और भुगतान की गणना होनी चाहिए।
दिनांक 13.03.2022 को परीक्षार्थी द्वारा टाइप किए गए शब्दों की संख्या को कंप्यूटर स्क्रीन पर नहीं दर्शायी गई है। इससे पहले डाटा एंट्री ऑपरेटर और लिपिक परीक्षा में टाइपिंग परिणाम कंप्यूटर स्क्रीन पर परीक्षार्थियों को दिखाया गया था केवल 300 शब्दों के अनुसार एक्यूरेसी प्रतिशत में रिजल्ट के रूप में दिखाई गई है। इससे परीक्षार्थी उद्विग्न हैं।
विभिन्न प्रकार की आशंकाएं हैं यथा,
(1) कोल इंडिया लिमिटेड से जारी कैडर स्कीम को सब्सिडियरी स्तर क्षेत्र या इकाई के स्तर पर संशोधित करने का अधिकार किस प्राधिकार में वेष्टित है?
(2) क्या कैडर स्कीम या राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता के आधीन कोल इंडिया से जारी क्रियान्वयन आदेश में सुधार एकपक्षीय रूप से किया जा सकता है?
(3) कीज़ के डिप्रेशन का मापदंड क्या था, स्पेस और कैपिटल लेटर तथा शब्दों में कितने अक्षर होंगे यह तय नहीं किया गया था। यह स्पष्ट नहीं है कि विभागीय पदोन्नति समिति की कोई बैठक हुई और उसमें मापदंड तय किए गए या माननीय महाप्रबंधक सिस्टम विभाग द्वारा स्वयं सारे निर्णय लिए गए।
(4) डाटा एंट्री ऑपरेटर (प्रशिक्षु) के रिक्त 88 + 97 = 185 पदों पर कितनी परीक्षायें ली जायेंगी और कितनी राशि खर्च की जाएगी यह आकलन नहीं किया गया है और न ही 17 गलत प्रश्नों के कारण रद्द की गई परीक्षा की जवाब देही तय की गई है।
उपरोक्त तथ्यों के प्रकाश में अख्तर जावेद उस्मानी, हिंद मजदूर सभा के द्वारा विनम्र अनुरोध किया गया है कि 185 पदों पर मेरिट के आधार पर चयन सूची प्रकाशित की जाये और बार-बार परीक्षा से लाभान्वित होने वालों की विस्तृत जांच विजिलेंस विभाग द्वारा करवाई जाए।