ऐसे बच्चे जो बिना किसी सहारे के सड़कों पर अकेले रहते है, दिन में सड़कों पर रहते और रात में निकट की झुग्गी, झोपडी बस्तियों में रहने वाले अपने परिवार के पास घर वापस आ जाते है चिन्हांकित बालक एवं उनके परिजनों को कौशल उन्नयन, रोजगार तथा अन्य सहायता मिलेगी
बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्क्यू एवं पुनर्वास हेतु विकासखण्ड स्तर पर बैठक सह प्रशिक्षण संपन्न राकेश मेघानी की कलम से कोरिया जिला बाल संरक्षण…